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भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बेटी बचाओ अभियान चला रहे हों, लेकिन राज्य में न सिर्फ बेटियां असुरक्षित हैं, बल्कि कदम-कदम पर मुसीबतों का सामना भी करना पड़ रहा है। हालात ऐसे हो गये हैं कि अब तो बेटी को जन्म देना भी मां के लिए गले की मुसीबत बन गया है। भोपाल में छोला मंदिर थाने के निकट रहने वाली नीता यादव ने 24 फरवरी, 2013 को जैसे ही बेटी को जन्म दिया, तो परिवार वालों का पारा आसमान पर पहुंच गया।
तरह-तरह से परिवार के लोगों ने अपनी बहु को प्रताडि़त करना शुरू किया, इस परिवार में नीता के पति अमित यादव, सास गीता यादव, देवर विनय यादव ने हर तरह से नीता को तंग किया। यहां तक कि घर से भी बाहर निकाल दिया है। नीता और अमित की शादी 28 फरवरी, 2012 को हुई है, लेकिन जैसे ही नीता ने बेटी को जन्म दिया, तो उसे मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना मिलने लगी। इसके बाद तो जो सिलसिला शुरू हुआ, वह थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब नीता यादव ने अपने पति और परिवार के खिलाफ खुलकर लड़ने का मोर्चा संभाल लिया है। हिम्मत करके नीता ने पति, सास और देवर के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा दी है। भोपाल के छोला मंदिर थाने में महिला की शिकायत पर धारा-498-ए, 34 और 3/4 के तहत मामला दर्ज हो गया है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि तीनों आरोपी फरार हैं। नीता यादव दुखी मन से कहती है कि उसने बेटी को जन्म देते ही मुसीबतें गले लगा ली हैं। घर वालों को बेटी बिल्कुल पसंद नहीं है, उन्हें तो लड़का चाहिए था। इसके बाद ही परिवार के तेवर बदले और नीता यादव आज अपने पति से दूर रहकर दर-दर की ठोकर खाने को विवश है।
मध्यप्रदेश में ऐसी घटनाएं पहली नहीं है, कई परिवारों में आज भी बेटी को शुभ नहीं माना जा रहा है। अभी भी वे पुराने विचारों में जी रहे हैं और लगातार अपने घर में बेटी पैदा होने को उत्सव नहीं बल्कि अपशगुन मानते हैं। यूं तो मप्र की सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान पूरे प्रदेश में यह मुहिम चला रहे है कि अगर बेटी पैदा हो, तो जोर-शोर से खुशियां मनाई जाये, ताकि आस-पड़ोस और मोहल्ले में यह संदेश जाये कि लड़की पैदा होना यानि खुशियों का खजाना मिलना है। ऐसे आयोजन लगातार हो रहे हैं और उन्हें महत्व भी मिल रहा है, लेकिन वही दूसरी ओर बेटी पैदा होने पर बहु को घर से निकाला भी जा रहा है। अब यहां पर पुलिस की महती भूमिका शुरू होती है और अगर पुलिस चाहे तो पूरे परिवार को न सिर्फ जेल की हवा खिलाये, बल्कि उस महिला को न्याय भी दिलाये, जो कि बेटी की खातिर घर से दर-दर भटकने को विवश हुई है। तभी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बेटी बचाओ अभियान जमीनी हकीकत में सच होगा।
Posted by 02.11
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