प्रतिनिधि // शेख अज्जू (नरसिंहपुर// टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से संपर्क:- 94243 05086
आदिवासी बाहुल्य गांव में शिक्षिका माह में एक या दो बार आती है
नरसिंहपुर। बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। शिकायत करने पहुंचे तो आदिवासी ग्रामीण महिलाओं को शिक्षिका भला-बुरा कहती है। ऐंसी शिकायत लेकर तहसील गोटेगांव चांदनखेड़ा से लगे ग्राम नांदिया के कई ग्रामीण नरवर सिंह, अजीत सिंह, लाखन सिंह गौड़, प्रेमलाल गौड़, नरेश, उमेश मेहरा, दशरथ इंदर मेहरा, जोरावर, छोटूलाल, सुकवती सराठे, मोहन सिंह, चंदाबाई, रजनीबाई, सरिता बाई, कमलाबाई, निशा, झलकन चौधरी आदि ने कलेक्टर के समक्ष शिकायत की कि प्राथमिक शाला नांदिया में हम गरीब तबके के बच्चे पढ़ते हैं। जब वह घर पर शाम को मजदूरी करके लौटते हैं तो पता चलता है कि स्कूल में आज भी शिक्षिका नहीं आई, जिससे स्कूल नहीं खुला। 8-15 दिन में जब शिक्षिका गोदावरी आती है तो ग्रामीण उनसे मिलने पहुंचते हैं तो वह उनको ही धमकाती है। ग्रामीणों के अनुसार पूरी उपस्थिति फर्जी तरीके से दर्शाई जा रही है, बच्चों को वर्ष 2012 की भी छात्रवृत्ति नहीं मिली है। कलेक्टर से ग्रामीणों की मांग है कि व्यवस्थाएं सुधारी जाएं।
बना रहे कार्ययोजना
अभी हाल ही में बजट आया है, तो अभी हम योजना बना रहे हैं। हमारा प्रयास है कि जिले की 40-42 निर्मल पंचायतों में मर्यादा अभियान के तहत कार्य हों। मुझे यह आइडिया नहीं है कि जिस गांव की महिलाएं आई हैं, वह गांव उसमें शामिल है या नहीं, मैं देखकर ही बता सकूंगा।
बना रहे कार्ययोजना
अभी हाल ही में बजट आया है, तो अभी हम योजना बना रहे हैं। हमारा प्रयास है कि जिले की 40-42 निर्मल पंचायतों में मर्यादा अभियान के तहत कार्य हों। मुझे यह आइडिया नहीं है कि जिस गांव की महिलाएं आई हैं, वह गांव उसमें शामिल है या नहीं, मैं देखकर ही बता सकूंगा।
दीपक सक्सेना, सीईओ जिला पंचायत
Posted by , Published at 02.40
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