शादी के बाद जब विदाई का वक्त आया तो लड़केवालों ने 4 लाख रुपये और एक बाइक देने की शर्त रख दी। पहले से ही ससुराल वालों की मांगों को पूरा करते-करते आजिज आ चुका ये परिवार सन्न रह गया। अंदेशा तो इन्हें तभी हो गया था जब वरमाला और शादी के फेरों से लेकर तमाम रस्मों में देरी की जा रही थी। लेकिन जैसे ही इस बार लड़के ने मुंह खोला एमए पास दुल्हन के सब्र का बांध टूट पड़ा। उसने तुरंत पुलिस को फोन लगा दिया।
शिकायत मिलते ही शादी के घर में पुलिस पहुंच गई और जहां विदाई गीत गाया जाना था, वहां एफआईआर लिखी जाने लगी। मध्यप्रदेश के दमोह की बेटी के इस साहस के बाद जीवनसाथी लाने गए दूल्हे को हवालात की हवा खाने को मजबूर होना पड़ा। यहां भी अकेले नहीं, बल्कि पूरी बारात के साथ। हालांकि बाद में चार को गिरफ्तार कर बाकी को छोड़ दिया गया।दमोह की बेटी आरती की अब इलाके में चर्चा है। चर्चा हो भी क्यों नहीं, उसने सामाजिक बुराई के खिलाफ आवाज जो बुलंद की है। एक लड़की की हिम्मत ने दहेज लोभी लड़के को सबक तो सिखा ही दिया, साथ ही उन तमाम लड़कियों औऱ लड़की वालों को हौसला भी दिया कि दहेज के खिलाफ आवाज़ उठाकर ही दहेज के दानव को खत्म किया जा सकता है।
Posted by , Published at 04.34

Tidak ada komentar:
Posting Komentar