पड़ोसी ने पीटा, पुलिस ने लूटा

पड़ोसी ने पीटा, पुलिस ने लूटा

toc news internet channel

प्रतिनिधि // अमरदीप श्रीवास्तव (शहडोल //टाइम्स ऑफ क्राइम)
प्रतिनिधि से संपर्क:- 98931 63344

शहडोल। छलकते आंसुओं दर्द भरी दास्तान, पड़ोसियों से पीडि़त परिवार को पुलिस की चौखट पर न्याय नहीं मिला बल्कि घर के बर्तन बेचकर पुलिस की जेब हरी करने वाले इस परिवार को इस घर छोड़कर शहडोल में पेड़ के नीचे सहारा लेना पड़ा। कबाड़ और छोटे मोटे आयोजनों में बर्तन धोकर या फिर चाय का टपरा लगाकर पेट भरने वाला यह परिवार अपने पड़ोसी से जान बचाकर इधर-उधर भाग रहा है और बुढ़ार थाने के उप निरीक्षक रमेश सिंह ने इन गरीबों की मदद करने की बजाय घर का बर्तन बिकवाकर अपनी बांछे खिला ली। 
साहब हमें न्याय मिलेगा, पड़ोसियों ने हमें धारदार हथियार से मारा है। 

हमारे पति पत्नी के झगड़े में बेवजह मुझे घायल कर दिया है। हमारी जान बचा लीजिए। ऐसी ही कुछ फ रियाद लेकर कबाड़ बीनने वाली यह महिला जब बुढ़ार थाने पहुंची तो बेरहम उप निरीक्षक ने उससे कहा चुप बैठ जब होता है रिपोर्ट लिखाने चली आती है, पुलिस का यह अंदाज इन गरीबों की जान पर आ गया है और बुढ़ार पुलिस इस मामले में ऐसा संज्ञान ली कि पुलिस हस्ताक्षेप आयोग्य बताकर मामले को दफन कर दिया। जबकि दूसरे किसी ताकतवर का मामला होता तो शायद उसे पूरी मोहलत भी दे दी।

बुढ़ार लखेरनटोला निवासी बत्तू बाई ने लखवरिया के मेेले के लिये उधार लेकर आलू बण्डे और चाय की दुकान लगाई। उम्मीद यह की थी कि भगवान उन्हे उनकी मेहनत का पूरा लाभ देगा और अपने प्रति और दो बच्चों के साथ इस मेले के फ ायदे से यह महिला जो कबाड़ बीनने का काम करती है, दो वक्त की रोटी जुटा सकेगी। लेकिन मेले में उसे नुकसान हुआ और वह कर्ज से लद गई। इसी बात की कहा सुनी पति पत्नी के बीच हुई। पति-पत्नी का यह विवाद पीछे रह गया और पड़ोस में रहने वाले रवि बसोर, कल्लू बसोर और सुनीता ने इनके साथ मारपीट शुरू कर दी और पीडि़त महिला को बांस छीलने वाले हथियार से मारा, जिसमें वह महिला के हाथ में चोट आई तथा डण्डे से मारने के कारण घुटने के ऊपर भी काफ ी चोट आई।

इस महिला ने जब थाने में रिपोर्ट कराने के लिये वर्दी धारियों के दरवाजे पर पहुंची तो पहले तो उसे दो घण्टे तक थाने में बैठाये रखा और जब उसकी रिपोर्ट लिखी गई और जब उसका मेडिकल हुआ तो पुलिस ने धारा 155 के तहत पुलिस हस्ताक्षेप योग्य न बताते हुये मामले पर विराम लगा दिया। आरोपियों के हौसले फि र बुलंद हुये और उन्होने फि र से हमला कर दिया। इस बीच बुढ़ार थाने के उप निरीक्षक रमेश सिंह ने अपनी कुछ ख्वाहिस रखी और महिला ने घर के बर्तन बेचकर उप निरीक्षक की जेब हरी कर दी। 

मांग को पूरा न कर पाने के कारण पीडि़त परिवार को न्याय नहीं मिल सका उल्टे महिला के पति को ही हवालात की सैर कराने की धमकी दे दी गई। डरी सहमी महिला और उसका पति शहडोल पहुंचे लेकर दुर्भाग्य यह रहा कि रविवार होने के कारण उनकी मुलाकात अफसरों से नहीं हो सकी और महिला अपने दोनों बच्चों को लिये भूखी प्यासी कलेक्ट्रेट परिसर के सामने शुलभ काम्प्लेक्स में जामुन के झाड़ के नीचे छलकते आंसुओं से लोगों को अपनी व्यथा सुना रही थी। कभी वो नीली छतरी वाले को निहारती और कभी दोनों बच्चों को। भूखे बच्चों को तो लोगों ने पेट भरने का सहारा दे डाला लेकिन इस पूरे परिवार को जो पिछले 50 साल से झुग्गी झोपड़ी बनाकर कबाड़ बीनकर अपना जीवनयापन कर रहा था घर छोडऩे पर मजबूर कर दिया। गौरतलब है कि जहां पड़ोसियों ने उनके साथ मारपीट की और मारपीट की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई गई उन पर आरोप तय करने की बजाय इस पीडि़त परिवार को और दर्द दे डाला। यह पीडि़त परिवार यह सोचकर मुख्यालय में शरण पर बैठा हुआ है कि शायद उसे यहां न्याय मिल जायेगा। 

पीडि़त महिला ने तो यहां तक कहा कि अगर मुझे यहां न्याय नहीं मिला तो मैं भलें ही भीख मांगते हुये शिवराज सिंह के पास पहुंचू लेकिन न्याय मांगने अवश्य पहुंचूगी। पति और दोनों डरे सहमें बच्चे खरपतवार जलाकर खिचड़ी बना रहे थे। ऐसे में इस परिवार को न्याय मिलेगा यह उम्मीद की किरण अभी बाकी है। बुढ़ार पुलिस का यह घिनौना कृत्य शायद पुलिस महकमें को झकझोर कर रख देगा यह तो एक बानगी है ऐसे न जाने कितने परिवार पुलिस की इस प्रताडऩा से पीडि़त है। एक परिवार तो पिछले कई दिनों से यह जंग लड़ ही रहा है। क्या इन सभी को न्याय मिलेगा। इसकों लेकर अभी भी स्थितियां स्पष्ट नहीं है। जिसके कारण पीडि़त परिवार तो पिछले कई दिनों से यह जंग लड़ ही रहा है क्या इन सभी को न्याय मिलेगा। इसकों लेकर अभी भी स्थितियां स्पष्ट नहीं है। जिसके कारण पीडि़त परिवार पुलिस अधीक्षक से मिलने के लिये बेताब है।
Posted by Unknown, Published at 01.11

Tidak ada komentar:

Posting Komentar

Copyright © THE TIMES OF CRIME >