अमनप्रीत का गुनाह केवल इतना था कि उसने जीजा की ग़लत हरकतों पर लगाम कसने की हिम्मत दिखाई थी। अब उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो चुकी है। जीजा ने अमनप्रीत के चेहरे पर तेजाब फेंक कर उसे ज़िंदगीभर के लिए अपाहिज बना डाला है। तेजाब फेंककर दूसरों की ज़िंदगी तबाह करने वालों के साथ कैसा सलूक होना चाहिए?
Posted by , Published at 07.47
Tidak ada komentar:
Posting Komentar