नगर के चिकित्सालयों में रात्रि में नहीं मिलते डॉक्टर

नगर के चिकित्सालयों में रात्रि में नहीं मिलते डॉक्टर

नरसिंहपुर से सलामत खान की रिपोर्ट....
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 मरीजों को यहां-वहां भटकना पड़ता है  


नरसिंहपुर। नगर में निजी चिकित्सकों की कार्यप्रणाली को लेकर भारी रोष व्याप्त है। इसके चलते बुधवार को करीब ढाई-तीन सौ लोगों ने निजी चिकित्सकों के खिलाफ नरङ्क्षसह भवन पहुंचकर नारेबाजी करते हुये तीव्र प्रदर्शन किया एवं डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर उपस्थित लोगों ने कहा कि यदि निजी चिकित्सकों की कार्यप्रणाली नहीं सुधारी गई तो किसी दिन लोगों का आक्रोश हिंसा में बदल सकता है। साथ ही आने वाले दिनों में तीव्र आंदोलन किया जायेगा। इसके लिए निजी चिकित्सक और जिला प्रशासन सीधे तौर पर जिम्मेदार माना जायेगा। बुधवार को भाजपा, कांग्रेस, बसपा, आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के अलावा व्यापारी, अधिवक्ताओं एवं पत्रकारों सहित विभिन्न वर्गो के लोगों ने एकजुट होकर ज्ञापन में उल्लेख किया है कि निजी चिकित्सालयों में 24 घंटे आनलाइन डयूटी डाक्टर नहीं रहते।

 जिससे गंभीर अवस्था में पीडि़तों को समय पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती और उपचार के अभाव में असमय काल के गाल में लोग समा जाते हैं। निजी चिकित्सक रात्रि 9 बजे के बाद पीडि़तों का इलाज नहीं करते और इन चिकित्सकों के लिए न तो कोई आचार संहिता है न ही नियम है और न ही इनकी अपने व्यवसाय के प्रति सेवाभाव है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्राय: सभी चिकित्सालय में दवा दुकानें बना ली गई हैं किंतु वे भी 24 घंटे खुली नहीं रहती। अत: जरूरत है कि दवा दुकानों में जीवन रक्षा दवायें आवश्यक रूप से उपलब्ध रहें एवं निजी चिकित्सालयों में स्थित दवा दुकानें 24 घंटे खुली रहें। नियमों का उल्लघंन करने वालों का लाइसेंस निरस्त किया जाये साथ ही निजी चिकित्सालयों में फीस और विभिन्न जांचों का निर्धारण शुल्क नहीं है मनमाफिक रोगियों से वसूली की जाती है। 

इसके लिए शुल्क बोर्ड प्रत्येक चिकित्सालयों में लगाकर संबंधित डाक्टरों की डिग्री एवं मोबाइल नंबर अंकित किया जाये। ज्ञापन सौंपते समय उपस्थित विभिन्न वर्ग के लोगों ने प्रभारी कलेक्टर जिला पंचायत के मुख्य कार्यप्रालन अधिकारी दीपक सक्सेना, डिप्टी कलेक्टर श्रीबड़ोदे, तहसीलदार अरविंद सिंह को बताया कि रोगियों के संरक्षण हेतु चिकित्सकों को पीडि़त मानव सेवा के मूल उद्देश्य की ओर प्रेरित व समझाईश दी जाये। उन्हें बाध्यकारी निर्देश जारी किये जायें और नियमों का उल्लघंन पर चिकित्सक का प्रमाण पत्र निरस्त किया जाये। खासकर रात्रि 9 बजे से निजी चिकित्सक आवश्यक रूप से उपलब्ध रहें यह सुनिश्चित किया जाये इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नरसिंहपुर को निरीक्षण व निजी चिकित्सालयों में सुविधाओं आदि के संबंध में कार्यवाही हेतु निर्देशित किया जाये। वहीं प्रभारी कलेक्टर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीपक सक्सेना ने कहा कि लोगों की इस मांग पर प्रशासन गंभीरता के साथ कार्रवाई करेगा और  शीघ्र ही प्राइवेट डाक्टरों की एक बैठक कर प्रशासन सार्थक और ठोस कदम इस दिशा में उठायेगा। 

Posted by Unknown, Published at 08.43

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