जज ने मुझे चूमा, बेडरूम में जाने को कहा

जज ने मुझे चूमा, बेडरूम में जाने को कहा

जज ने मुझे चूमा, बेडरूम में जाने को कहा- यह हलफनामा सार्वजनिक होने पर भड़के जस्टिस गांगुली
toc news internet channel

नई दिल्ली/कोलकाता.  लॉ इंटर्न का यौन उत्पीड़न करने के मामले में आरोप झेल रहे जस्टिस एके गांगुली ने एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जय सिंह को निशाने पर लिया है। जस्टिस गांगुली ने पूछा है, 'यह सुप्रीम कोर्ट की समिति को सौंपा गया दस्तावेज था, जिसे गोपनीय माना जाता है। यह सार्वजनिक कैसे हो गया?'

एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस अशोक कुमार गांगुली के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कानून की छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोपी गांगुली पर इंदिरा ने कई सवाल उठाए हैं। इंदिरा ने कहा है कि चूंकि, जस्टिस गांगुली ने उस शाम लॉ इंटर्न के साथ क्या किया था, इसका ब्योरा सार्वजनिक नहीं है, ऐसे में वे इसका फायदा उठाकर खुद को बेकसूर बताने और कई ताकतवर जज और वकीलों को अपने पक्ष में लामबंद करने की कोशिश कर रहे हैं।

इंदिरा का कहना है कि ऐसे हालात में वे घटना का पूरा ब्योरा सामने लाने को मजबूर हैं। इंदिरा का कहना है कि यह वही ब्योरा है जो लॉ इंटर्न ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई तीन जजों की समिति के सामने दी थी। इंदिरा ने पूछा है कि क्या गांगुली अपनी बच्ची के साथ ऐसा होता हुआ देखना चाहते हैं?

इंदिरा जय सिंह के हवाले से जारी लॉ इंटर्न के हलफनामे के मुताबिक, जस्टिस गांगुली ने पीड़ित से कहा था कि वह उनके बेडरूम जाकर शराब पीते हुए आराम करे। पीड़ित का यह भी कहना है कि जज ने उसे गले लगाने की कोशिश की, उसके हाथ भी चूमे थे। इस दौरान जज पीड़ित से यह कहते रहे कि वह उससे प्यार करते हैं (विस्तार से आगे की स्लाइड में पढ़िए)।

कोलकाता लॉ स्कूल से कानून की पढ़ाई करने वाली छात्रा ने सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की समिति के सामने पेश होकर अपना हलफनामा दिया था। पीड़ित का आरोप है कि पिछले साल 24 दिसंबर की देर शाम उसके साथ जस्टिस गांगुली ने छेड़छाड़ की थी। सुप्रीम कोर्ट की समिति ने जज के रवैये पर सवाल उठाते हुए उसे अनुचित बताया था। लेकिन देश के चीफ जस्टिस पी. सदाशिवम ने जस्टिस गांगुली के खिलाफ किसी कार्रवाई से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि चूंकि जस्टिस गांगुली रिटायर हो चुके हैं, इसलिए सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कुछ भी नहीं कर सकता है।
Posted by Unknown, Published at 02.28

Tidak ada komentar:

Posting Komentar

Copyright © THE TIMES OF CRIME >