सलामत ख़ान की रिपोर्ट
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तत्पश्चात अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डा.सी.एस.राजहंस ने रोजगारोन्मुखी शिक्षा के संबंध में सेमेस्टर पद्धति की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। अर्थशास्त्र विभाग अध्यक्ष डा.भारती मिश्रा ने सतत समग्र मूल्यांकन से सर्वागींण विकास पर जोर दिया। भूगोल विभाग के इमरान खान ने सीसीई के व्यवहारिक पक्षों पर प्रकाश डाला। इतिहास विभाग अध्यक्ष डॉ. के.एल.साहू ने छात्रों से सेमेस्टर पद्धति का अधिक से अधिक लाका लेने का आव्हान किया। गणित विभाग के डॉ. बी.एस.बघेल ने कौशल विकास केन्द्रों का उल्लेख करते हुये महाविद्यालय में होने वाले रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षणों की जानकारी दी। इस अवसर पर वाणि’य विभाग के डॉ. आर.के.चौकसे ने भी प्रेरक उद्बोधन दिया। जूलॉजी विभाग अध्यक्ष के वरिष्ठ प्राध्यापक डा.एस.के.कश्यप ने अपने उद्बोधन में छात्र-छात्राओं से प्रोफेशनल दृष्टिकोण अपनाने का आव्हान किया।
कार्यशाला में डॉ. मधुमिता भट्टाचार्य, डॉ. प्रीति मिश्रा, डॉ. शोभा मिश्रा, डॉ. जी.के.सोनी, डॉ. एस.के.उपरेलिया, डॉ. चित्रा द्विवेदी, एनएसएस प्रभारी गजराज सिंह मर्सकोले, दिलीप ग्वालिया, डॉ. निकोसे, नंदलाल अहिरवार पुस्तकालय प्रभारी की भी विशेष उपस्थिति रही। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी संकायों के छात्र-छात्राओं की बहुत बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन राजनीति विज्ञान विभाग के अभिषेक तिवारी एवं आभार प्रदर्शन डॉ. मंदाकिनी भारद्वाज हिन्दी विभाग के द्वारा किया गया।
Posted by 22.08
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