विदिशा भाजपा के पूर्व मीडिया प्रभारी शैलेंद्रसिहं बघेल इन दिनों न तो भोपाल में मंत्री के बंगले पर दिखाई दे रहे है और न ही श्यामलाहिल्स परिसर में नजर आ रहे है। इसके साथ ही भाजपा कार्यालय से भी गायब हो चुके है। वे इस तरह से गायब है कि ढूंढने वाले अब रो-रोकर उस दिन को कोस रहे है कि जनसंपर्क विभाग का एक टेंडर पाने के लिए साढ़े 11 लाख की पोटली उसके हवाले कर दी। मीडिया प्रभारी ने टेंडर पाने वालों को संबंधित विभाग के मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की नोटशीट दिखाई और जल्द काम हो जाएगा के आश्वासन पर पैसे हड़प लिए। इधर जनसंपर्क विभाग के कतिपय अधिकारियों का दावा है कि बघेल के जनसंपर्क आयुक्त राकेश श्रीवास्तव से भी अच्छे संबंध रहे है। उनके नाम पर भी कई लोगों से पैसे हड़प चुका है।पीडि़त इतनी बार भाजपा के मुख्यालय पर जा चुके है कि इन्हें देखकर अब कार्यालय के कर्मचारी भी पहचानने लगे है लेकिन बघेल साहब गरीबों को चूना लगाकर किस बिल में छिप गए इसकी किसी को खबर नहीं है। अब हालत यह है कि पैसे देने वाले कह रहे है- तू कहां छिपा बैठा है कठोर तेरे ढूंढने वाले दर-दर भटक रहे है।
Posted by 22.28
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