देसी ठेके पर अंग्रेजी शराब की बिक्री

देसी ठेके पर अंग्रेजी शराब की बिक्री

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बैतूल। प्रदेश सरकार के स्तर पर भले ही देसी मदिरा दुकानों पर अंग्रेजी शराब की बिक्री पर सहमति भले ही न बनी हो और रा'य सरकार अपने ही मंत्रियों के विरोध के चलते कमद पीछे खींच ली हो लेकिन बैतूल जिले के ग्रामीण अंचलों में स्थित मदिरा दुकानों पर देशी और विदेशी दोनो तरह की शराबों की बिक्री जोरो पर हैं। ठेकेदार इन दुकानों से हर दिन लाखों रूपयों का माल विक्रय कर रहे हैं। प्रदेश सरकार के मंत्रियों का विरोध इस वजह से था कि विदेशी शराब को देशी दुकान पर विक्रय से प्रोत्साहन मिलेगा। बैतूल जिले में ठेकेदारो ने ही देशी शराब दुकान पर विदेशी का विक्रय लंम्बे समय से जारी रखकर विदेशी मदिरा को प्रोत्साहित किया हैं और किया जा रहा हैं।

राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक संस्थान के महासचिव नामदेव उबनारे ने आकबारी में फैले इस भ्रष्टाचार का खुलासा करते हुए बताया हैं कि घोड़ाडोगरी विकास खण्ड में स्थित देसी मदिरा दुकानों में विदेशी शराब का हर नामचीन ब्राण्ड उपलब्ध हैं। घोड़ाडोगरी एवं रानीपुर स्थित देशी मदिरा दुकान में अंग्रेजी शराब के हर ब्राण्ड उपलब्ध हैं। इन देसी मदिरा दुकानों पर विदेशी शराब के जिप्सी, ब्लुचिप, आईबी, बीपी, गोहा, पावर 5 हजार बीयर, ब्लैक फोर्ड गोल्ड रम मांग पर उपलब्ध हैं। आबकारी महकमें की मिलीभगत से देशी दुकानों पर विदेशी शराब की बिक्री से रा'य सरकार को राजस्व की हानि उठानी पड़ रहीं हैं। इतना ही नहीं शराब ठेकेदार ग्रामीण क्षेत्रों में भी देसी और विदेशी शराब की व्यवस्था परिवहन साधनो से कर रहे हैं।

कोलमाईंस क्षेत्र सारणी से लगे ग्रामीण अंचलो में सुबह से लेकर शाम तक ठेकेदारो की जीप शराब का परिवहन करते देखी जा सकती हैं। आबकारी महकमा और पुलिस दोनो ही वेतन तो सरकार से ले रहे हैं लेकिन नौकरी शराब ठेकेदार की करते हुए मालूम पड़ते हैं। भ्रष्टाचार के विषयों पर गहरी समझ रखने वाले नामदेव उबनारे कहते हैं कि देसी और विदेशी मदिरा दुकानों पर शराब खरीदने पर रसीद नहीं दी जाती हैं जिससे भी सरकार को राजस्व का नुक्सान होता हैं।

Posted by Unknown, Published at 04.15

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