toc news internet channel
पत्रकारों का हांका लगाने का ठेका लेने वालों के खिलाफ पेड न्यूज प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करेंगे आईएफडब्ल्यूजे के पत्रकार
सत्ता के दलालों पर पेड न्यूज कानूनों में कार्रवाई का फैसला
(Alok Singhai)
भोपाल। आगामी विधानसभा चुनावों को देखते हुए मध्यप्रदेश के पत्रकारों को लामबंद करने के लिए चलाया जा रहा हांका कारगर नहीं होगा। इंडियन फेडरेशन आफ वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन से जुड़े पत्रकारों ने इस राजनीतिक षड़यंत्र के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पत्रकारों ने फैसला किया है कि पत्रकारों का हांका करने में जुटे सत्ता के दलाल पत्रकारों को पेड न्यूज की ओर धकेलने के दोषी ठहराए जाएंगे।इस संबंध में सख्त कानूनी कार्रवाई करके दोषियों को दंडित भी कराया जाएगा।
इस संबंध में आज भोपाल में आयोजित बैठक में फैसला लिया गया है कि अगले महीने प्रदेश भर के पत्रकारों का एक सम्मेलन राजधानी के पत्रकार भवन में आयोजित किया जाएगा। जिसमें पत्रकारों के हित में प्रभावी संवाद कायम करने की रणनीतियों को अंतिम रूप प्रदान किया जाएगा।
आईएफडब्ल्यूजे जैसे देश व्यापी पत्रकार संगठन के सदस्यों ने मध्यप्रदेश में पत्रकारों की समस्याओं से निपटने के लिए ये कदम उठाया है। मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद से निरंतर पत्रकार संगठनों से जुड़े रहे राजेन्द्र कश्यप की अध्यक्षता में हुई बैठक में शामिल पत्रकार साथियों का मानना है कि मध्यप्रदेश में पत्रकारों के हित में ठोस योजनाएं चलाई जाना जरूरी है। अब तक की व्यवस्था के तहत सरकारी सुविधाओं का लाभ कुछ चुनिंदा पत्रकारों को तो मिलता रहा है लेकिन जनहित में आवाज उठाने वाले पत्रकार भेदभाव के शिकार होते रहे हैं। पूर्ववर्ती दिग्विजयसिंह सरकार ने जिस सामंती अंदाज में पत्रकारों का शोषण किया उन हालात में कोई बड़े बदलाव नहीं हुए हैं। वर्तमान सरकार ने पत्रकारों और न्यूज चैनल, अखबारों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बजट में तो भारी इजाफा किया है लेकिन सरकारी संसाधनों का लाभ अभी भी पत्रकारों तक नहीं पहुंच पाया है। प्रदेश में न तो श्रम कानूनों का पालन किया जा रहा है और न ही पत्रकारों की जीविका सुरक्षित है। पत्रकारों को जमीनी हालात से दूर रखकर जिन सीमित मुद्दों में बांधने का षड़यंत्र किया जा रहा है आईएफडब्ल्यूजे से जुड़े पत्रकार उन षड़यंत्रों को कारगर नहीं होने देंगे।
पत्रकार भवन भोपाल के मालिक संगठन आईएफडब्ल्यूजे से जुड़े पत्रकारों ने आज हुई बैठक में कहा कि कुछ पत्रकारों ने मिलते जुलते नाम वाले संगठन पंजीकृत करवाकर पत्रकारों को भ्रमित करने का प्रयास किया है। आईएफडब्ल्यूजे विशुद्धतः पत्रकारों का संगठन है और पत्रकारों के हित में संघर्ष करने का इसका लंबा इतिहास रहा है। आज जब पत्रकारिता में ठेकेदारी प्रथा बढ़ती जा रही है तब पत्रकारों को नए हालात के अनुरूप वेतन आयोग गठित करने की मांग भी इन पत्रकारों ने की है। वरिष्ठ पत्रकार आलोक सिंघई ने कहा कि जब देश में कर्मचारियों के वेतनमानों को लेकर सातवां वेतन आयोग गठित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है तब पत्रकारों के हित में इस तरह की वेतन प्रणाली लागू की जाए जिससे पत्रकारों को काम करने लायक माहौल दिया जा सके। उन्होंने पेड न्यूज पर सख्त नियंत्रण लगाए जाने की मांग भी की है।श्री सिंघई ने कहा कि आगामी चुनावों को देखते हुए पत्रकारों का हांका करने में लगे सत्ता के दलालों को सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ सबूत मिलते ही संगठन के सदस्य कानूनी कार्रवाई करेंगे ।
Posted by 02.06
, Published at
Tidak ada komentar:
Posting Komentar