बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और चारा घोटाले के प्रमुख आरोपी लालू प्रसाद यादव से सीधे जुड़े चाईबासा कोषागार से फर्जी ढंग से 37.7 करोड़ रुपये निकालने के मामले में विशेष सीबीआई अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है. जज प्रभाष कुमार सिंह ने इस मामले में लालू यादव को दोषी करार दिया है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा, पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, सांसद जगदीश शर्मा और पूर्व सांसद आरके राणा समेत सभी 45 आरोपियों को भी दोषी ठहराया गया है. उधर, लालू के बेटे तेजस्वी ने कहा कि वे कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
फैसले के बाद लालू को कोर्ट में ही हिरासत में ले लिया गया था और फिलहाल उन्हें वैन में बैठाकर एक अपराधी की तरह बिरसा मुंडा जेल ले जाया जा रहा है. जब वे कोर्ट से बाहर निकले तो लालू के साथ उनका बेटा तेजस्वी भी था और वे चारों ओर से अपने समर्थकों से घिरे हुए थे. जज प्रभाष कुमार सिंह के आदेश के बावजूद उनके समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की. आपको बत दें कि जज ने साफ तौर पर कहा था कि नारेबाजी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी क्योंकि ऐसा करना कोर्ट की कार्यवाही में बाधा डालना है.
लालू समेत अन्य दोषियों को कितनी सजा होगी, इस पर मंगलवार को कोर्ट में बहस होगी और 3 अक्टूबर को सजा का ऐलान कर दिया जाएगा.
Posted by , Published at 00.30

Tidak ada komentar:
Posting Komentar