प्रतिनिधि // शेख अज्जू (नरसिंहपुर// टाइम्स ऑफ क्राइम)
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नरसिंहपुर। पार्टी के एक झंडावरदार को जिला दंडाधिकारी ने एक वर्ष के लिए जिलाबदर कर दिया। झंडावरदार मनीष नेमा है जो भाजपा से जुड़ा है और उसका एक भाई कांग्रेस का नेता है। जिलाबदर व्यक्ति को नरसिंहपुर जिले से लगे 7 जिलों में भी नहीं दिखेगा।
जिला दंडाधिकारी संजीव सिंह ने मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के प्रावधानों के तहत बजरंग वार्ड कंदेली नरसिंहपुर के मनीष नेमा आत्मज विश्राम नेमा को जिलाबदर करने का आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि जिलाबदर के प्रकरण में नरसिंहपुर बजरंग वार्ड निवासी मनीष नेमा को नरसिंहपुर जिला और उससे लगे जिलों छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, दमोह, सागर, रायसेन और होशंगाबाद की राजस्व सीमाओं से एक वर्ष की अवधि के लिए निष्कासित किया गया है। मनीष नेमा के खिलाफ वर्ष 1999 से थाना कोतवाली क्षेत्र में घर में घुसकर मारपीट करने, बलवा, तोडफ़ोड़, हत्या के प्रयास, आत्महत्या, दुष्प्रेरण, जान से मारने की धमकी देने, गुंडागर्दी कर संपूर्ण क्षेत्र में आतंक एवं भय का वातावरण बनाने के गंभीर आरोपों में विभिन्न अपराध पंजीबद्घ हैं। जिला दंडाधिकारी ने मनीष नेमा को आदेशित किया है कि वह आदेश प्राप्ति के 48 घंटों के भीतर उक्त जिलों की सीमाओं से बाहर चला जाए और आचरण सुधारे तथा जिला दंडाधिकारी की अनुमति के बगैर जिले की सीमाओं में एक साल तक प्रवेश नहीं करे, अन्यथा जिलाबदर की अवधि में जारी आदेश का उल्लंघन करने पर उसके खिलाफ मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जिला दंडाधिकारी संजीव सिंह ने मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के प्रावधानों के तहत बजरंग वार्ड कंदेली नरसिंहपुर के मनीष नेमा आत्मज विश्राम नेमा को जिलाबदर करने का आदेश जारी किया है। उल्लेखनीय है कि जिलाबदर के प्रकरण में नरसिंहपुर बजरंग वार्ड निवासी मनीष नेमा को नरसिंहपुर जिला और उससे लगे जिलों छिंदवाड़ा, सिवनी, जबलपुर, दमोह, सागर, रायसेन और होशंगाबाद की राजस्व सीमाओं से एक वर्ष की अवधि के लिए निष्कासित किया गया है। मनीष नेमा के खिलाफ वर्ष 1999 से थाना कोतवाली क्षेत्र में घर में घुसकर मारपीट करने, बलवा, तोडफ़ोड़, हत्या के प्रयास, आत्महत्या, दुष्प्रेरण, जान से मारने की धमकी देने, गुंडागर्दी कर संपूर्ण क्षेत्र में आतंक एवं भय का वातावरण बनाने के गंभीर आरोपों में विभिन्न अपराध पंजीबद्घ हैं। जिला दंडाधिकारी ने मनीष नेमा को आदेशित किया है कि वह आदेश प्राप्ति के 48 घंटों के भीतर उक्त जिलों की सीमाओं से बाहर चला जाए और आचरण सुधारे तथा जिला दंडाधिकारी की अनुमति के बगैर जिले की सीमाओं में एक साल तक प्रवेश नहीं करे, अन्यथा जिलाबदर की अवधि में जारी आदेश का उल्लंघन करने पर उसके खिलाफ मप्र राज्य सुरक्षा अधिनियम 1990 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
टल रहा था मामला
जिला दंडाधिकारी के समक्ष मनीष नेमा का जिला बदर का मामला अर्से से लंबित था और लगातार टल भी रहा था। पर अंतत: जिला दंडाधिकारी ने बीते दिवस जिलाबदर के आदेश जारी कर दिए। राजनैतिक हल्कों में चर्चा है कि चुनाव के पूर्व इस तरह की कार्रवाई हो रही है ताकि क्षेत्र में अमन-चैन कायम रह सके। वैसे खबर है कि जिलाबदर के अनेक मामले लंबित हैं, जिन पर अब तक धूल भी नहीं हटी है।
Posted by 02.30
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