अयासी का अड्डा बना रानी तालाव

अयासी का अड्डा बना रानी तालाव



संजय सिंह (ब्यूरो चीफ // टाईम्स ऑफ क्राइम)
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(रीवा) आये दिन हो रही घटनाओं को देखते हुये रीवा पुलिस ने लैला-मजनु पकडो अभियान चललाया जब इस अभियान के तहत रीवा जिले के रानी तालाव पहुचे तो वहा पर कई आपत्ती स्थिति मे जोडे़ इधर उधर अभद्रता पूर्वक बैडे दिखाई दिये करोडो रूपय लागत लगा कर रानी तालाव का सुन्दरी करण कराया गया था जिसका उद्शय था की रीवा के सभ्रांत नागरिक लोग इस सौन्दरीकरण का लुफत लेगें पर इस सौन्दरीकरण को देखने जाने वाली नजरे सौन्दरीकरण मे चार चॉद लगाने वाले लैला-मजनुओं देख कर शर्म से झुक जाती है। इस समय रीवा महानगरो कि ओर बड़ रहा है। तो स्वाभिक है कि याहा के लोग भी इसी तर्ज पर जीवन को डालना चाहेगें। रीवा के पार्क एवं रानी तालाव में अक्सर लड़के-लडकियां मौज मस्ती करते दिख जाते है। इस अभियान में लग-भग दर्जन भर युवक-युवक्तियां पकडे गये जिनमें रीवा के अलावा भी गुड़, गोविन्द गड़ व रीवा से सटे गॉवों के लडके-लडकीयॉ इसी तर्ज पर दिखाई दिये। छापा मारी को देखते हुये ये जोडे़ इध-उधर भगते हुये नजर आये। सॉई मंदिर के सामने स्थिति बाल उद्यान का हाल इससे भी बत्तर है। यहां सुबह 11 बजे से साम 4 बजे तक मात्र प्रेमी युगल घिनौनी हरकत करते पडे रहते है। यदि इस समय कोई सभ्रांत परिवार पहुच जाता है तो इनकी हरकतो को देख कर बेचारों की नजरें शर्म से झुक जाती है। रानी तालाव के ठेकेदार राजेश सिंह से जब उक्त कार्यवाही के बारे मे पुछा गया तो इनका साफ-साफ कहना था कि पुलिस द्वारा यह छापा-मारी करना जास्ती है उहिं बातो के लिये हि शासन के नगर निगम को साल भर में 3.50 लाख दिया जाता है। ताकी जवा दिल दो मिनट पार्को में सकून से बैठ सके।

जोड़ो-तोडो के इस खेल को बड़े बाखूबी से खेल उर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला

रीवा जिले में इन दिनों उर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ला जी का काफी बोल बाला चल रहा है। आये दिन रीवा जिले को महानगर बनाने के नाम पर नई-नई सडको एवं पुलियो को तोडकर महानगर के नाम पर चौड़ीकरण कराया जाता है। अपने इजिंनियरिगं दिमाक का उपयोग कर जनता के पैसो को बडे पैमाने पर दुरउपयोग कराया जा रहा है। जिले मे अरबो-खरबों की बेश कीमती जमीन को समदडिया गुर्प को कौडियों के दाम पर लीज में दे दि जाती है। अभी हाल हि मे बने नये बस स्डैण्ड का हाल देख कर बाखुबी अन्दाज लगाया जा सकता है कि समदडिया गुर्प के उपर किस हद तक महरबानी है। आज का बना नया बस स्डैण्ड समदडिया गुर्प का मार्केट कॉम्लेक्स जो बन रहा है उसके आगे बस स्डैण्ड की अहमियत धिरे-धिरे गुम होती नजर आती हे। समदडिया के बडते पंजो को देख कर यह सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिला समदडिया गुर्प का होकर रह जाये गा। सात साल मे छोटी पुल को तीन बार विकास के नाम पर जोडा-तोडा गया। कभी रेलिंग लगाई जाती है तो कभी चौडीकरण का नाम दिया जाता है इस जोड-तोड के खेल मे बरबाद हो हरे पैसे का कौन है जिम्मेदार।

रोड़ नाली, मेड बंधान के साथ-साथ सुलभ सौचाल्य के पैसों का भी खाने से नहीं चुके बड़खरा 740 के पूर्व सरपंच दिनेश सिंह

बड़खरा 740 मे जानकारी लेने पचुहे पत्रकार तो पता चला कि विकास के नाम पर यहां कुछ भी नहींे किया गया है। जब पत्रकार द्वारा ये कहा गया कि क्या आप लोग जो बात कह रहें उसको लिखित रूप में भी दे सकते है तो वहां के लोगों ने 50 के लग-भग ने लिख के दिया जिसमें 10 लोेख मेड़बंधान के सम्बंध में तो कईयो ने रोड़ और मुरमीकरण  के सम्बंध लिख कर दिया कि जिन रोडो एवं मेडबंधानो को पूर्ण रूप मे दिखया जा हरा है वो कार्य कहीं भी नहीं हुये है फर्जी रूप से दस्तावेज तैयार कर पैसा जरूर आहरण कर लिया गया है। हमारे देश एवं प्रदेश की सरकार ग्राम स्वक्षता अभियान के चलते लाखों करोडो रूपय पंचायत मे मर्यादा अभियान के तहत सरपंचों को दे रहे है कि गॉव स्वछ एवं साफ सुथरा रहें। घर की बहु-बेटीया बाहर खुले मे सौच के लिये न जाये। हमारे राष्ट्र पिता बापू द्वारा ग्राम पंचायत का सपना देख गया था की ग्राम पंचायत का चुनाव करा कर ग्रामों की हर तरह की कमीयो को ग्राम पंचायत के सरपंच गांव की सुविधा देखते हुये ग्राम के हित में काम करेंगें। पर यहा तो उनके सपनों को खौंद कर सरपंच-सचिव अपना जेब भरने मेे लगें है। राशि आती है विकास के लिये पर वह राशि सी.ओ से लेकर सचिव कत आप में ही बंदर बॉट करके ही खतम कर देते है तभी तो शिकायत करने पर किसी भी सरपंच सचिव पर कार्यवाहियां नहीं की जाती क्योकि उपर से नीचे तक बैठे हर कर्मचारी उस पैसे में हिस्सेदारी लिये है तो वो शिकायत पर क्या जॉच करेगें शिकायतो के बारे मे जब मिडिया द्वारा पुछा जाता है कि फला कार्य की शिकायत आप के पास की गई थी तो उस पर क्या कार्यवाही हुई तो जबाव दिया जाता है कि शिकायते तो रोज आती है हमें फुर्सत हि कहां है कि हम शिकायतो कि रोज जॉच कराये। शिकायत में जॉच चल रहीं है प्रक्रिया पूर्ण होने पर आप को बता दिया जायेगा। इसी तरह से कलेक्टर महोदय के जन शिकायतो का निराकण दो तीन साल बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ। शिकायते जॉच तक ही सीमित रह जाती है और शिकायत करने वाला आखिर मे थक हार कर बैड जाता है। इस भ्रष्टाचारी सरकार मे भगवान जाने देश का क्या हाल होगा।

बाह रे अंधा कानून का राज

सीधी कलेक्टर गौसाला समित को न्याय दिलाने मे असमर्थ है क्या 05 मार्च को जन सुनवाई मे की गई थी शिकायत जिसका आज कत नहीं हुआ निराकरण।
एक बार मैने बचपन मे देखा था अंधा कानून जिसमें एक दबंग आदमी के मर्डर के केस मे अमिताब बच्चन को कर दी थी सजा, सजा काटने के बाद इसी अंधेर गर्दी के कारण दिखाया गया था कि जिस इन्सान के मौत मे सजा हुई वह इन्सान न्यायलय मे जिवित बैठा था और भरी अदालत मे अमिताब उसका खून कर देता है।
मामला सरदा गौशाला समिति का है भेलकी पाठ्पहाड़ आठ माह से गौशाला समिति के सदस्यों द्वारा लिखित तौर पर कलेक्टर, एस0डी0एम0 एवं चुरहट थाना में शिकायत की जा चुकी है कि सारदा गौशाला समिति के खाते से बीर बहादुर सिंह, निता पाण्डेय के पति सुरेश पाण्डेय एवं कोटेदार जगदीश चौबे के मिली भगत में एवं फर्जी कमेटी सारदा गौशाला के नाम से बना कर गौशाला भवन में कब्जा किये हुये है एवं इनके द्वारा उप संचालक मोती लाल शुक्ला पशु चिकित्सा सीधी से मिली भगत कर के संस्था के खाते से फर्जी कमेटी को मान्यता दिखा कर दो लाख पंद्रह हजार रूपय आहरण कर लिया गया है और छः लाख के बने गौशाला में आठ माह से जबरन कब्जा किये हुये है। इसकी शिकायत उप संचालक मोती लाल शुक्ला को पूर्व में अध्यक्ष दलगंजन द्वारा कई बार की जा चुकी थी इतना ही नहीं पुलिस थाने चुरहट एवं कलेक्टर महोदय के जन सुनवाई में की जा चुकी थी दुबारा जब एस0डी0एम0 चुरहट को आवेदन दिया गया कि यदि गौशाला समिति सदस्यों को नहीं दिलाई गई तो समिति के सदस्यों के द्वारा उग्र रूप धारण किया जाये गा। यह पत्र देने के बाद एस0डी0एम0 श्रीवास्तव द्वारा टी0आई0 चुरहट को आदेशित किया गया था कि मामले की जॉच कर उक्त गौशाला समिति के सदस्यों को दिलाई जाय एवं दोशी व्यक्तियों के उपर दंण्डात्मक कार्यवाही कर 420, 368, एवं 471 के तहत मामला पंजी बध् किया जाय। यह आदेश टी0आई0 को मिलने के बाद टी0आई द्वारा ए0एस0आई0 देवराज सिंह परिहार को जॉच करने हेतु अधिक्रित किया गया था। ए0एस0आई0 परिहार द्वारा जब समिति के सदस्यों द्वारा ब्यान लिया जाने लगा तो अवैध रूप से कब्जा किये हुये जगदीश चौबे जो सनरक्षक सदस्य बताते है एवं नीता पाण्डेय के पति सुरेश पाण्डेय जो एक मास्टर कम नेता जादा है अपने आप को जिला भाजपा अध्यक्ष के0के0 तिवार का खाश आदमी बताते हुये घूमते है एवं इनके द्वारा राजनितिक दवाव दे कर कई तरह के काम कराये जा रहे है जिसमे समुहो द्वारा मध्यान भोजन का काम दिलाया जाता है इनकी पत्नि नीता पाण्डेय के नाम भी कई समूह बना कर स्कूलों में मध्यान भोजन का काम दिलाया गया है अभी कुछ दिन पूर्व ही गलत पाये जाने पर एकाद स्कूलों का काम इनके पत्नि के नाम वाले समूह से छुडा लिया गया है। इन्ही लोगों के द्वारा पोल खुलने के डर से ए0एस0आई0 परिहार के उपर झुठी रिपोट कराकर सस्पेन्ड करा दिया गया है। इन्हीं लोगो के द्वारा आठ माह से अवौधानिक रूप से कब्जा करने के बाद भी किसी कर्मचारी द्वारा सायद सारदा गौशाला समिति को आज दिनांक तक न्याय नहीं मिल पा रहा है। इसी तहर से यदि अपराधियों को राजनितिक संरक्षण दिया जाता रहेगा तो स्वभाविक है कि अपराध दिन प्रति दिन बडते जासयेगें इन लोगों द्वारा बीर बहादुर सिंह को फर्जी अध्यक्ष दिखाया गया है उस अध्यक्ष के उपर जिलाबर जैसे कार्यवाहियां तक हो चुकी है जो कि वर्तमान में भी कटनी जेल मे किसी प्रकरण मे बंद है।
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दीप नारायण सिंह // बडखरा 739 चुरहट
8889289899


विषयः- उपसंचालक मोतीलाल शुक्ला पशुचिकित्सा सीधी के द्वारा सारदा गौशाला समिति के खाते से दो लाख पंद्रह हजार रूपय फर्जी कमेटी के अध्यक्ष बीर बहादुर सिंह एवं सचिव नीता पाण्डेय को लिखित आदेश दे कर समिति के खते से आहरण करा लिया गया है, आहरण कराये गये पैसे को समिति में वापस दिलाये जाने एवं गौशाला को कब्जा धारियों से मुक्त कराये जाने वावत्।

मान्यवर निवेदन है कि मोती लाल शुक्ला उपसंचालक पशुचिकित्सा सीधी द्वारा समिति की 28.022013 को चुनाव सम्बंधी सूचना मिलने के बाद आदेश क्र. 303/2 31.012013 को लिखित आदेश देकर एक लाख रूपय आहरण करा लिया गया दुबारा चुनाव पूर्ण होने की सूचना 06.02.2013 को लिखित रूप में मिलने के बाद भी पत्र क्र. 472/1 के माध्यम से एक लाख पंद्रह हजार रूपय बीर बहादूर सिंह एवं नीता पाण्डेय के नाम जर्द आदेश देकर आहरण करा लिया गया। जब की बीर बहादुर सिंह के द्वारा दिखाई गय कमेटी के बारे में सारदा गौशाला समिति के अध्यक्ष दलगंजन के द्वारा लिखित रूप से शिकायत की गई थी कि बीर बहादुर कि समिति में दिखाये गये सदस्य सारदा गौशाला समिति के नहीं है ये फर्जी है इन लोगो द्वारा गौशाला में जबरन कब्जा किया गया है। शिकायत के बावजूद उप संचालक द्वारा कोई भी कार्यवाही फर्जी लोगो के लिये नहीं की गई बलकि जबरन मान्यता देकर पैसा आहरण करा लिया गया।
सारदा गौशाला समिति के सदस्य चुकि आदिवासी हरिजन है न्याय दिलाया जाय।

Posted by Unknown, Published at 01.06

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